सुचना: प्रिय मैथिल बंधूगन, किछ मैथिल बंधू द्वारा सोसिअल नेटवर्क (फेसबुक) पर एक चर्चा उठाओल गेल " यो मैथिल बंधूगन कहिया ई दहेजक महा जालसँ मिथिला मुक्त हेत ?" जकरा मैथिल बंधुगणक बहुत प्रतिसाद मिलल! तहीं सँ प्रेरीत भs कs आय इ जालवृतक निर्माण कएल गेल अछि! सभ मैथिल बंधू सँ अनुरोध अछि, जे इ जालवृत में जोर - शोर सँ भागली, आ सभ मिल सपथ ली जे बिना इ प्रथा के भगेना हम सभ दम नै लेब! जय मैथिली, जय मिथिला,जय मिथिलांचल!
नोट: यो मैथिल बंधुगन आओ सभ मिल एहि मंच पर चर्चा करी जे इ महाजाल सँ मिथिला कोना मुक्त हेत! जागु मैथिल जागु.. अपन विचार - विमर्श एहि जालवृत पर प्रकट करू! संगे हम सभ मैथिल नवयुवक आ नवयुवती सँ अनुरोध करब, जे अहि सबहक प्रयास एहि आन्दोलन के सफलता प्रदान करत! ताहीं लेल अपने सभ सबसँ आगा आओ आ अपन - अपन विचार - विमर्श एहि जालवृत पर राखू....

गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

मित्र-बंधु-बहिन सभ

          एहि में दू मत नहि जे फेशबुक सऽ आन्दोलन के पूर्ण परिचालन भऽ सकैछ, लेकिन आधार-स्तम्भके निर्माण, कार्यक्रम योजना, कार्यकर्ताके खोज - इ सभ कार्य समाजिक संजालरूपी फेशबुक पेज सऽ सेहो संभव छैक।

आब जेना दहेज मुक्त मिथिलाके उदाहरण लेल जाय - भेलै कि जे किछु मित्र सभ आपसमें गप करैत समय मिथिला ऊपर दहेज के बढावा वा पोषण करैक आरोप लगाबैछ - आरोप कि - जे वास्तविकता अछि से बात करैछ आ ताहि अनुरूप दोसर मित्र ओहि विन्दुपर किछु करबाक लेल बात करैछ... एवम्‌ प्रकारेन बहुत मित्र-बंधु-बहिन लोकनि जुटैत छथि आ फेशबुक पर दहेज के धज्जी उड़ैछ। प्रश्न उठैछ - कि वास्तवमें युवा के हृदयमें परिवर्तन आबि रहल छैक? कि जेना इ थोड़ेक युवा उत्साहित छथि दहेजके दानवके भगाबय लेल, तहिना हर गाम आ घर-शहर-नगरमें युवा सब आतुर छथि अपन समाजके एहि दानव सऽ छुटकारा दियाबैक लेल? सुन्दर विन्दु अछि इ दहेज एवं एकर समर्थन कोन रूपें हेवाक चाही, कोन प्रकार के विरोध होयबाक चाही आ युवा लोकनिक इच्छाके सार्थकता दैक लेल किछु कार्य सेहो हेबाक चाही। बस निर्णय होइछ जे किऐक नहि धरातलपर एहि मूहिम के उतारल जाय। आ तदनुसार क्रमबद्ध रूपमें एहि मूहिम के निरंतरता वैह फेशबुक परका मित्र-बंधु-बहिन सभ देवय लगलथि। एक मोर्चा के निर्माण भऽ गेल। किछु प्रतिबद्ध सदस्य सेहो बनि गेला।

आ, चूँकि बाहुल्य सदस्य सभ दहेज विरोध के सुन्दर स्वरूप सौराठके सभागाछीवाला परिकल्पनाके पुनरुत्थान एवं पुनर्जीवित करैत होयबाक चाही - अतः वर्तमान मूहिम जे अछि से सौराठके पुनरुत्थान हेतु सेहो सक्रिय होयत, प्रथमतः एहि परंपराके लेल लड़त आ ताहि संग-संग जे केओ बिना दहेज लेन-देन आदर्श विवाह करैत छथि, हुनका लोकनिक यशगान करनै एहि बेरके योजनामें शामिल भेल। संगहि दहेज मुक्त मिथिलाके अपन एक पोर्टल निर्माण कैल जायत जाहि ऊपर दहेज मुक्त विवाह केनिहार के ऊपर विभिन्न रिपोर्ट आ आगू इच्छूक व्यक्ति सभ जे दहेज मुक्त विवाह करता तिनक पूर्ण परिचय सेहो उपलब्ध कराओल जायत। संगहि मासिक वा अर्धमासिक बूलेटिन जे दहेज मुक्त मिथिला के कोन काज पृथ्वीपर भऽ रहल छैक तेकर जानकारी उपलब्ध कराओल जायत। अन्य कार्यमें दहेज मुक्त मिथिलाके तरफ सऽ गाम-गाम आ शहर-शहर एहेन कैम्पेनिंग होयत जाहिमें दहेज मुक्त विवाह केनिहार के यशगान एवं आम जनमानसके जागृति हेतु विभिन्न कार्यक्रम आदि समाहित होयत। सदस्यता अभियान लेल सेहो प्रत्येक गाम आ शहरमें एक प्रमुख के चुनाव आ तदनुसार एक स्थानीय कमिटीके गठन करैत शाखा विस्तार कयल जायत। पुनः दहेज मुक्त मिथिला के तरफ सऽ सामूहिक विवाह, सौराठके तर्जपर सभागाछी विभिन्न जगह पर लगौनै, जागृतिमूलक सांस्कृतिक कार्यक्रम, सभा आयोजन, अन्य सम्बोधन आदि कैल जायत। एहि संस्थाके राजनीति सऽ कुनु लेना देना नहि रहत मुदा कानून विरुद्ध कतहु किनको ऊपर अत्याचार भेलापर सामाजिक नियमके अनुरूप ओहि प्रकार के अत्याचार विरुद्ध लड़ाई सेहो लड़त। दहेज मुक्त विवाह केनिहार लोक सभके यशगान-सम्मान आदि करैत अन्य व्यक्तिमें सेहो एहि प्रकारके वातावरणके सृजना कैल जाय से मुख्य लक्ष्य रहत।

वर्तमान में इ संस्था पंजीकरण प्रक्रियामें अछि - एकर सदस्यता हेतु एखन स्थानीय कर्मठ कार्यकर्ता श्री प्रकाश चन्द्र चौधरी के व्यक्तिगत खाताके प्रयोग कैल जा रहल छैक, जेकर विवरण दहेज मुक्त मिथिला नामके ग्रुपपर उपलब्ध अछि। सदस्यताके चारि प्रकार राखल गेल छैक - संरक्षक सदस्य (५१०१/-), संस्थापक सदस्य (२१०१/-), आजीवन सदस्य (५०१/-) आ साधारण सदस्य (१५१/-) - सदस्य के जिम्मेवारी, अधिकार आदिके नियमन्‌ होयबाक बाकी छैक, जे क्रमशः कानून-विधान अनुरूप हेतैक। कार्यकारिणीके गठन सेहो पूर्ण प्रजातान्त्रिक मूल्य के अनुरूप हेतैक। पदके लोभ एहेन होइत छैक जे संस्थाके जन्म सऽ पहिने एकरा मारयके फेर में पड़ैत देखल गेलैक अछि। ताहि हेतु एहि बेर जेना-तेना सौराठ सभाके आयोजन तक एक एडहॅक कमिटी बनाके कार्य सम्पादित कैल जाय, आ तेकर बाद एक आमसभाके आयोजन करैत ओहिठाम विधान अनुरूप निर्वाचन प्रणाली द्वारा कार्यकारिणीके गठन होयत से विचार अछि।

एतेक कार्य मुख्यतः फेशबुक सऽ सम्पादित भेल - आब धरातल पर कि-कि होइछ इ देखबाक अछि।

हरिः हरः!!
 
Pravin  Narayan Choudhary

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सोमवार, 25 अप्रैल 2011

अप्पन बिचार की भेल से कहू ?

  प्रिय बंधुगन आय ग्रुपक सफलता के देखैत बहुत ख़ुशी होइत छले,

जे हम सभ मिल के जे एक छोट छिन्ह सपना देखने छलों से आय अपन राह पर अग्रसर भो रहल अछि.....
खुशिक संगे संग बहुत रास गप एहनो अछि जहीं सँ ह्रदय बहुत दुखाबैत अछि..

ह्रदय के द्रवित करै बला एहने एक आर गपक हमरा पता चलल... दहेज़ मुक्त मिथिला के एक बहुत जिम्मेदार सदस्य जिनका सँ हम सभ बहुत आस राखैत छलों (फिलहाल नाम नै कहब) पता चलल जे अगला महिना हुनकर छोट भाई के विवाह छैन...१९ मई , सुईंन के आश्चर्य करब जे ओ अपन भाई के

1,५००००/- (एक लाख पचास हजार ) दहेज़ लेना छलाह....

आब अहिं सब कहू हम सभ मिल के की की सपना देखैत छलों आ की भे रहल अछि ???
 एहि तरहक सभ सदस्यसँ हम अपील करे चाहब  जे अपनेक झूठ - मुठ  आशाक एहि संस्था "दहेज़ मुक्त मिथिला" के कुनू जरुरत नै छैक... जिनका मोन में एहि तरहक भावना अछि कृपा के कs एहि ग्रुप सँ बाहर जेबाक कस्ट करी...

यदि हमर गप किनको खराब लागत ते तहि लेल छमा चाहब.....

आगू और  सूनू की भेल  ------

Pravin Narayan चौधरी  जितमोहनजी! ओ जे केओ होइथ हुनका लेल एतेक अपील बहुत आँखि खोलयवाला होयबाक चाही। लेकिन नाम खोलबैक तखन ने आरो लोक सभ एहेन मिथ्याचार करनिहार के पहचान करतैक? आ, कहीं अहाँ के गलत जानकारी भेल होय... ओहो बात स्पष्ट भऽ जेतैक। जे-जेना, अपने एहि बातके पूरा स्पष्ट लिखियौक।

Jitmohan Jha   भैया इ बात पूरा स्पष्ट अछि, हम सब हुनका सँ संपर्क में छी संगे ओ गछने छलाह जे लेल गेल दहेज़ रूपी पाई १,५००००/- ओ बेटी पक्ष बला के वापस करता... एहि मुहीम में हुनक खिलाफ खुद हुनकर सार हमरा संग ठार छैथ.. ओ एता धरी हमरा कहला जे जाधरी ओ हमरा स्टं...प पेपर पर लिख के नै देता आ ओई पर बेटी बला के दस्खत नै देखेता हम पछा नै छोर्बैन...
तहि लेल जखन ओ इ बात स्विकारैत छैथ ते हमरा बुझला सँ हुनकर नाम सार्वजानिक केनाय ठीक नै हेत...
तहि लेल हम छमा चाहब... कारण हमरा सभ के किनको भावना के ठेस नै पहुचेबाक चाही....
Pravin Narayan Choudhary वाह जीतमोहनजी!! बहुत सुन्दर प्रकरण बुझैछ आ लगैछ जे इहो एक रिकार्ड बनल एहि दहेज मुक्त मिथिलाके मूहिम के... ग्रेट सिम्प्ली!! जे लेलाह आ रिटर्न करताह ओहो बहुत सभ्य लोक छथि आ हम हुनका केवल एहि लेल नमन्‌ करवैन जे अपने लोकनिक मान राखिके लड़कीवालाके लेल पाइ वापस करय लेल तैयार छथि। वीर पुरुष हुनक सार के सेहो नमन्‌ - अहाँ सदिखन अहिना वीरतापूर्वक दहेजके दानव सँग लड़ैत रही से प्रार्थना। जय मैथिली! जय मिथिला!
 
 
 आब  ओऊ  मुद्दा के  बात  पर  की  ई उछित   थिक   नै,   कियक  नै  की  अहन सब  अहैसे  पहिने मिथिला  से  बहार  छलो जे ?
 
 नाजेर नै   परल  की  अहाँ सब   के , टोल परोस  , गामा  घर  मे ई  बात  नै  छैक
की  अहाँ सब  एक   दोसर  के  खिलाप   किछ  कहै  नै  सकैत  छी या अहाँ  सब के  डर होय्या ,अगर होय्या  त  से किय  होय्या  , से  कियक  की  कारन  छैक , आई जै  किछ  कारन  छल  ताहि दुरे  ई गप्प  उठायल  गेल  कियक  ई  गप्प  मदन  ठाकुर  के  छोट  भाई  के  बियाह  छियान  ताहि दुवारे ?  या मदन ठाकुर  कुनुक  कर्मक  नै छैथि ताहि दुवारे ?   की  किनका  घर  में  बियाह  नै  होयत  अछि  ई गप्प  छुपल  छैक ,  से  बताऊ या और  कुनो कारन  छैक
 
 हम  मिथिला के संतान छी ताहि  दुवारे ,  हम '' दहेज़  मुक्त  मिथिला  '' के सदस्य आई  १०  दिन  से  भेलो जाही  कारन  अपनेक  सबहक  समक्ष  शर्म से  किछ  नीच  लागैत  छी , की  ना यो ,   मुद्दा  नै  हमर  गर्व  से  हमर  गर्दन  आई उच्च  अछि  ,  जे  हम  लड़की  बाला के   रुपैय   वापस  करब  आ  दहेज़  मुक्त  मिथिला  बनायब   हमर  ई  कसम  और  अपनेक  सबहक  वादा अछि , चाहे हमारा अपन परिवार , टोल परोस , या गावं  से नाता तोरे  परे /   यदि  अपनेक  सबहक  सहयोग  रहत  त , ई कदम  हम उठारहल छी  आगू  से  मगर  अहुंके  उठायब परत  अप्पन  कदम  , पछु  से , दहेज़  मुक्त  मिथिला के लेल , की तैयार  छी  अपन गर्दन  उच्चय देखाबैक लेल  ता अहं सब  कसम खाऊ , और  वादा  करू , मिथिला के खातिर | 
 
 
मदन कुमार ठाकुर
पट्टीटोल, कोठिया 
भैरव स्थान , झंझारपुर 
मधुबनी बिहार 847404
और कहब त कहू अहि पर
9312460150
 

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सब स पहिने छमा, किछु व्यक्तिगत मज़बूरी के कारण सक्रिय नै भा पवी रहल छी, मुदा कोनो बात नै जखन जखन समय भेटत त अपन भावना व्यक्त करबे टा करब, अखन तक दहेज़ मुक्त मिथिला के लेल, प्रवीन भाई आ प्रकाश भाई के आलावा कियो अहन सदस्य नै छित जे कोनो जमीनी अस्तर के काज केने होई. सिवाय सदस्यता शुल्क जमा केलौ. कते गोते त अखन धीर सदस्यतो शुल्क नै जमा केलौ.

ताई के बादो पता नै कियक वातावरण दूषित करावक लेल किछु गोटे ततेक धर्फरयल छित जेना लगैया की कही प्रवीन भाई आ प्रकाश भाई हुनकर मुह स रोटी छीन का परा गेला.

मुदा सावधान भा जाऊ जे कियो मैथिल मिथिला के नाम पर गुट वाजी व राजनीत करावक कोशिश करव तकरा मैथिल समाज कहियो माफ़ नै करत, ज आहा कोनो तरहक काज करावा में सक्छाम नै छि त अनुरोध जे जो कियो काज कराइ छैत त हुनका सार्थक समर्थन दियू, नै की हुनक भावना के ठेस पहुँचाऊ.

आहा सब के एक टा बात अश्पस्ट कई दी की "दहेज़ मुक्त मिथिला" कोनो संस्था नै बल्कि मिथिलाक जन जन के आन्दोलन थिक. आई में समश्त मैथिल के समर्थन के जरुरत आइछ. सब संस्था स अनुरोध आइछ जे अपन समर्थन करी चाहे जय अश्तर पर हुवे. आर्थिक, शारीरिक, मानशिक, आई में सब तरहक सहयोग के जरुरत छाई, श्रम दान आ धन दान दुनु के अपन अपन महत्व छई,

आ हमरा लोकिन के त गर्व हेबाक चाही जे हमरा सबके संग प्रवीन भाई , प्रकाश भाई, कृपानंद झा सर. राजू भाई, जीतू भाई, सोनू भाई, विकाश बाबु,मदन भाई,संदीप जी, आनंद भाई और ई मुहीम के सब सदस्य के समर्थन आ अजित आजाद सर, विश्वमोहन झा,सुबोध नारायण चौधरी आ पत्ता नै कते बरका बरका मैथिल विभूति सब के आशीर्वाद प्राप्त आइछ.

सविनय निवेदन जे आब बात मैथिल के सम्मान के आई, आब किनको व्यक्तिगत भावना के ठेश पहुचेबक मतलब, मैथिल के अपमान भेल. तै आऊ सब मिली जुली कै अई सागर रूपी विशाल मुहीम के आगू हाथ में हाथ जोइर बढाबी.

धन्यबाद.अखन काज बड बाकी आई , आई के बाद हमरा लोकिन सिर्फ आ सिर्फ काज के गप पर चर्चा करब नै की फुइसक गुप पैर.

हाँ एक टा गप और सब गोटे अपन विचार देवा लेल स्वतंत्र छि, मुदा आग्रह जे अपन विचार सिर्फ आ सिर्फ सार्वजनीक रुपे ई मंच पर दी.

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अवगत हो अपने लोकनि केँ -

अवगत हो अपने लोकनि केँ -

विगत किछु समय सँ हम एहि मूहिम में अपने लोकनिक आदेश पर लागल छी, हर प्रकार सऽ, हर दृष्टिकोण सऽ हम चाहैत छी जे अपने लोकनिक इ सपना साकार हो। किछु बात हमरा जे अनुभव में आयल से अपने लोकनि सँ शेयर कय रहल छी, राय देबय लेल। आगू कोना बढी, ताहि पर अपने लोकनिक सुझाव के लेल हम एहि विन्दुपर प्रकाश डालैक लेल चाहैत छी। जय मैथिली! जय मिथिला!!

१. एहि मूहिम में केवल त्याग एवं बलिदान के सच्चा हृदय सँ स्वीकार करनिहार बन्धुगण, भद्र-मानुख आगू आबि रहल छथि। हुनका लोकनिक सभ विचार सदिखन उच्च रहल आ रहबो करत - भले ओ दहेज के बात हो वा सामाजिक कोनो भी अन्य बुराई के बात, ओ सभ सदैव हर तरहें एहि समाज के अगुवाई कयलथि आ करताह। एहि रीढरूपी त्यागक मूर्ति सभके बेर-बेर नमन्‌ करी। एहेन व्यक्ति सभके संख्या बहुत कम - कहु ने सैकड़ामें पाँच। :(

२. गरीब आदमी - आम आदमी! जी! हिनका लेल एहि मूहिम के प्रति आँखिमें नोर भरैत छन्हि। ओ सभ चाहैत छथि जे दहेज के प्रथा रहैक लेकिन स्वेच्छा सऽ जे अपन बेटी-बहिनके विवाह करै में सकैथ ताहिपर कोनो जबरदस्ती वा नाजायज माँग नहि थोपल जाय। गरीब आदमी - आम आदमी आजुक एहि महंगाई के संसारमें बहुत मुश्किल साथ अपन जीवन निर्वाह करैत छथि, बचत एतेक नहि छन्हि जे बेटीके विवाह करताह तऽ लाखोमें व्यवस्था गानि सकैत छथि, खान-पिन दिन अनेक संपदा लय के वर-पक्ष के भेट कय सकैत छथि, विवाहके दिन छहर-महर-तीन पहर करैत बाराती स्वागत-सत्कार कय सकैत छथि... वर-विदाई एवं द्विरागमन तक अनेक विध-व्यवहार के भार उठा सकैत छथि... । :( एहि मूहिम में गरीब आदमी - आम आदमी हर तरह सऽ सहयोग देबय लेल तैयार छथि। हिनके बाहूल्यता रहत आगामी दिन में वास्तविक धरतीपर सदस्यके रूपमें।

३. एहि मूहिम के विरोध मध्यमवर्गीय परिवार तरफ सऽ बेसी देखय में आबि रहल अछि - आ, आइ मध्यमवर्गीय परिवार के संख्या कम नहि अछि। यदि प्रतिशतताके आधारपर निकालय जाय तऽ हमरा बुझने ५०-६०% लोक मध्यमवर्गीय परिवार छथि। समस्या एहनो नै छैक जे सभ मध्यमवर्गीय परिवार दहेज के प्रलोभनमें छथि... नहि... नहि... आखिर बेटीवाला इहो छथि। तखन बेटामें बड़का मुँह, बेटीमें गरीब। देखावा अनेक! बेटाके बहुत शौख... बरियाती एना जाय, पटाखा फोड़ब, यार-दोस्त दारू पी के नाचत, बैण्ड बाजा, सुट-पैण्ट टाइ जुत्ता पहिरि के विवाह हेतु जायब, हम इ करब ओ करब कि करब यार वाला हाल अछि। बेटाके बापो एहि घड़ी इ बिसरि जैत छथि जे समैध के कोढ-करेज टूटि रहल हेतैक... बस रभाइसमें मस्त। बाप रे बाप!! देखयवाला होइछ एहि मध्यमवर्गीय परिवारके रभाइस। दहेज के प्रमुख बढावा एहि वर्ग सऽ भेट रहल छैक, जेना बुझैछ। तहु में बेसी ओ परिवार जिनकर एक बेटा एस.एस.सी. वा बैंकिंग वा क्लेरिकल वा एतय तक जे सरकारी पियुन बनल अछि - ताहि परिवार के मुँह तऽ देखयवाला होइछ। :)

४. मिथिलाके बेटी चुप किऐक?? इ प्रश्न हमरा बहुत खैछ। :( बहुत सोच-विचार केलाके बाद हम एक निर्णय पर पहुँचलहुँ जे गरीब तबका के बेटीमें शिक्षा के बहुत प्रधानता मजबूरीके चलते नहि छैक। हुनका लोकनिक बेटी या तऽ मैट्रीक के बाद पढाई छोड़ि दैछ, वा तेकर बाद प्राइवेट सऽ पढैत जेना-तेना घिसियौर कटैत उच्च शिक्षा हासिल करैछ... भगवती सहाय भेलखिन, माय-बाप कनेक उत्साही भेटल कि मुश्किल सऽ १०% गरीबोके बेटी आब आगू बढि रहल छथि। बाकी सभ विवाह सऽ पहिने गुमनाम जीवन बिताबैछ - अपन कोनो पहचान नहि, कोनो मान नहि, कोनो सम्मान नहि...!! हम बहुत कनैत छी जखन हिनका लोकनिक हाल देखैत छी, कारण असहाय मजबूर प्रवीण वा कोनो एक व्यक्ति आखिर कैये कि सकैछ। लेकिन अवश्य संकल्पित छी, जे एक-न-एक दिन अहु बेटी-बहिन लेल लड़ब, अवश्य लड़ब। इहो काज मूलतः हिनके लोकनि लेल अछि। ताहि लेल एहि मूहिम के हम दीनानाथके मूहिम बुझैत छियैक। सभ सऽ आह्वान करैत छी जे अहाँ सभ गोटे एहिमें शरीक होय, सभके आगू बढाबी। आब, मध्यमवर्गीय परिवार के बेटी-बहिन कि करैत अछि? एकरा सभमें सदिखन एक संदेहके परिस्थिति छैक। ओहो सभ इ बुझैछ जे बाबु-माय कहियो गलत नहि सोचता, जे करता नीके करता... बस मौन अछि। यदि दहेज मुक्त मिथिलाके परिकल्पना वास्तवमें सफल होयबाक सपना देखैत छी तऽ इ भार एहि बेटी-बहिनके अपना हाथ में लेबऽ के छैक। सभ तरहें यैह सभ सक्षम छथि - आब मौन अवस्थाके त्याग करू आ अपन लेल कमो तऽ गरीबके बेटीके लेल झाँसी की रानी समान एहि दहेज लोभी समाज सँ लड़ाई के लेल तैयार होउ। एकर उपरान्त लगभग २०% बेटी-बहिन जे सम्पन्न परिवार सँ अबैत छथि - हुनका लोकनिमें ५% अति उच्च विचारधारा के बुझू देवी समान एहि मूहिम में अपन सर्वस्व दैक लेल तैयार छथि, मुदा ओहो हेरायल छथि, लाज-प्रथा, पारिवारिक बंधन, कि तऽ कि!! १५% बस आम मैथिलके समान न एम्हरे न ओम्हरे, जेम्हरे-तेम्हरे!! हर हर!! :) एहि मूहिम के वास्तविक सफलताके सभ सँ पैघ कमजोरी यैह थीक। अपने चिन्तक एवं विद्वान्‌ सभ सँ हम एहि विन्दुपर बेसी सोचैक लेल आग्रह करब कि इ सभ कोना के एहि मूहिम के बागडोर अपना हाथ में लेती, कोनाके दहेज लोभी बाहुल्य समाजके प्रताड़ित करती आ कोनाके हुनका लोकनि के लाइन पर अनतीह। एहि विन्दुपर बेसी सोचबाक जरुरी अछि।

५. सक्षम एवं नेतृत्व पक्ष - विधायिका, प्रशासक, न्यायपालिका - प्रजातंत्रके इ तीनू सशक्त आधार एहि दहेजके दानव सऽ हारल बुझैछ। लोक सभ एहि तीनू संग ओहिना आँखमिचौली खेला रहल अछि जेना अपराधी सभ हर तन्त्रके सक्रिय रहला के बावजूद अपराध करनै नहि छोड़ैछ। :( इ बहुत दुःखद अछि, आ समग्र समाज एहि व्यवस्थाके चोट प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष रूपमें झेलैछ... तखन इहो सही छैक जे वैज्ञानिक व्यवस्था के कमी बुझैछ। दहेज सँ लड़ैक लेल बाजत सभ, मुदा करत केओ नहि। :( हम पहिले सेहो एक बेर अपने लोकनि सँ कहने रही कि यदि दहेज के टैक्सेबल बना देल जाय तऽ एकर दूरगामी असर पड़तैक। तखन अपने लोकनिक विचार के आमंत्रण करैत छी।

समाजमें रहनिहार प्रत्येक व्यक्ति के अपन स्वतंत्र विचार राखऽ के अधिकार छन्हि।

जय मैथिली! जय मिथिला!!

हरिः हरः!!

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शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011

गलचोटका बर


          गलचोटका बर।

                    ¼एकटा हास्य कविता)

देखू-देखू हे दाए-माए
केहेन सुनर छथि गलचोटका बर।
तिलकक रूपैया छनि जे बॉंकि
सासुर मे खाए नहि रहल छथि एक्को कर।

अनेरे अपसियॉंत रहैत छथि
अल्लूक तरूआ छनि हुनका गारा में अटकल।
खाइत छथि एक सेर तीन पसेरी
मुदा देह सुखाएल छनि सनठी जॅंका छथि सटकल।

केने छथि पत्रकारिताक लिखाई-पढ़ाई
दहेजक मोह मे छथि भटकल।
ऑंखि पर लागल  छनि बड़का-बड़का चश्मा
मुहॅं कान निक तऽ चैन छनि आधा उरल।

ओ पढ़हल छथि तऽ खूम बड़ाई करू ने
मुदा हमरा पढ़नाईक कोनो मोजर ने।
बाबू जी के कतेक कहलियैन जे हमरो पसीन देखू
मुदा डॉक्टर इंजीनियर जमाए करबाक मोह हुनका छूटल ने।

जेना डॉक्टर इंजीनियरे टा मनुख होइत छथि
लेखक समाजसेवीक एको पाई मोजर ने।
सोच-सोच के फर्क अछि मुदा केकरा समझाउ
दूल्हाक बज़ार अछि सजल खूम रूपैया लूटाउ ने।




एहि बज़ार में अपसियंॉत छथि लड़की के बाप
इंजीनियर जमाए कए छोड़ैत छथि अपन सामाजिक छाप।
एहि लेल तऽ अपसियॉंत छथि एतबाक तऽ ओ करताह
बेटीक निक जिनगी लेल ओ किछू नहि सोचताह।

अहॉं बेटी केॅ निक जॅंका राखब दहेज लैत काल
हमरा बाबू के ओ तऽ बड़का सपना देखौलनि।
ई तऽ बाद मे बूझना गेल जे किछूएक दिनक बाद
दहेजक रूपैया सॅं ओ पानक दोकान खोललैनि।

नहि यौ बाबू हम नहि पसिन करब एहेन सुनर बर
एतबाक सोचिए के हमरा लगैत अछि डर।
भले रहि जाएब हम कुमारी मुदा
कहियो ने पसिन करब, एहेन दहेज लोभी गलचोटका बर।

 लेखक:- किशन कारीग़र

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शनिवार, 16 अप्रैल 2011

दहेज मुक्त मिथिला ( स्थानीय सौराठ विकास समिति )

उपस्थित सदस्यगण! श्रेष्ठ, मित्र एवं अनुज!!

हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन!

आजुक मिटिंग निरंतरता में अछि आ आब मैथिलीके मिथिलाक चौरी सऽ निकलि दहेज मुक्त मिथिलाके एहि दलानपर अपने लोकनिक पुनः स्वागत अछि। हमरा लोकनि लगभग हर विन्दुपर चर्चा कयलहुँ आ बहुतो रास बातके निर्णय कयलहुँ। सौभाग्य हमरा लोकनिक जे एहि मिटिंगमें श्री कृपानन्द झा सर के अध्यक्षता भेटल। श्रेष्ठ संरक्षक लोकनिक सान्निध्य भेटल। मुद्दा पर आबी।

१. सौराठ सभा के पुनरुत्थान करब से निर्णय लेल।
२. दहेज मुक्त मिथिला स्थानीय सौराठ विकास समिति एवं अन्य संस्थासभ संग मिलिके सहकार्य करब से निर्णय लेल।
३. दहेज मुक्त मिथिलाके स्वतंत्र संगठन बनायब से निर्णय लेल।
४. दहेज मुक्त विवाह के प्रोत्साहन देब से निर्णय लेल।
५. संगठन विस्तारके क्रममें स्थानीय एवं बाहरी सदस्य सभ के जोड़ब से निर्णय भेल। स्थानीय जिम्मेवारी सऽ लऽ के विभिन्न जगहके जिम्मेवारी सदस्य लोकनि सहर्ष स्वीकार कयलाह, जेकर सूची अलग सऽ पेश कयल जायत।
६. सदस्यता शुल्क संरक्षक सदस्य - ५१०१/-, संस्थापक सदस्य - २१०१/-, आजीवन सदस्य ५०१/- एवं साधारण सदस्य १५१/- राखब से निर्णय लेल।
७. सौराठ उपरान्त दहेज मुक्त विवाह समग्र मिथिलावासी हेतु बिना कोनो जाति-पाँति के भेदभाव रखने केवल मैथिली भाषाभाषीके लेल भारत तथा नेपालके विभिन्न स्थानपर सभा-आयोजना करब से निर्णय लेल।
८. सदस्य सभ के-कोना सदस्यता ग्रहण करता से निर्णय लेल, जेकर अलगे लिस्ट बनाओल जायत, सदस्यता शुल्क तत्काल श्री प्रकाश चौधरीजी के खाता संख्या ११३०२५९४५०२ - खाताधारक: प्रकाश चन्द्र चौधरी, बैंक: स्टेट बैंक अफ ईण्डिया, रहिका शाखा में कैल जाय से निर्णय भेल।
९. संगठन विस्तारके क्रममें स्थानीय नागरिक सभके सदस्यता अभियान हेतु कार्यकर्ता परिचालन, प्रचार-प्रसार हेतु आवश्यक पहल एवं आगामी २२ मई के सौराठमें सौराठ विकास समिति संग मिटिंग से निर्णय भेल।
१०. सौराठके सफलता हेतु कार्यक्रम २०-२९ जून, २०११ धरि सदस्य सभके सक्रिय योगदान सऽ स्थानीय सौराठ विकास समिति संग सहकार्य करैत सभामें एक शिविर तथा मंच दहेज मुक्त मिथिलाके तरफ सऽ होयत से निर्णय भेल।

एकर अलावे अनेको विन्दुपर सभ आदरणीय सदस्य सभक विचार भेटल आ ताहि विचार के एक बेर फेर सऽ समेटैक लेल इ थ्रेड के निर्माण कयल गेल, आब अपने लोकनि अपन-अपन विचार आ मिटिंगके संस्मरणके नीचां कमेन्टके रूपमें पोस्ट करी से आग्रह करैत फोरम के खोलैत छी।

धन्यवाद! जय मैथिली! जय मिथिला!!

 
परवीन नारायण  चौधरी

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शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

सौराठ सभा २०११: प्रस्तावित दहेज मुक्त मिथिला के सहभागिता - प्रवीण चौधर...

प्रथम उद्देश्य: सौराठ सभाके पुनर्जीवित केनै

द्वितीय उद्देश्य: दहेज मुक्त मिथिला के प्रथम लक्ष्य-प्राप्ति हेतु दहेज मुक्त विवाह करनिहार जोड़ा-जोड़ी लेल ग्रास-बास-कपास एवं अन्य सभ आवश्यक सुविधाके जोगाड़ एवं व्यवस्थापना

तृतीय उद्देश्य: वंशावली परंपरा के महत्त्वके बुझैत आजुक ग्लोबल मिथिला में मैथिलकेर वर्तमान अवस्थिति, गणना एवं वंशावली व्यवस्थाके निर्माण - कंप्युटरीकरण

चतुर्थ उद्देश्य: सौराठ सभाके तर्जपर विभिन्न गाम आ शहर में सभा लगैक आ दहेज मुक्त मिथिलाके तरफ सऽ द्वितीय उद्देश्यके निर्वाह

पंचम उद्देश्य: पंजीकार, दुतीकार, आदि सभके लेल पारितोषिक एवं आर्थिक लाभोपार्जन हेतु समुचित अवसरके निर्माण

(आरो महत्त्वपूर्ण विन्दु के रूपमें उद्देश्य जोड़यके लेल अपनेक मूल्यवान्‌ सल्लाह निमंत्रित अछि।)

वर्तमान लक्ष्य: सौराठ सभा २०११ में कम से कम १०० जोड़ा वर एवं कन्याके दहेज मुक्त मिथिलाके प्लेटफार्मके अन्तर्गत दहेज मुक्त विवाह सौराठ सभाके शुभ लग्न में संपन्न करयबाक योजना। संपूर्ण सहभागी जोड़ा हेतु एक-समान पारितोषिक-उपहार भेंट-प्रस्तुति। सभ दहेज मुक्त विवाह ऊपर पूर्ण मिडिया कवरेज। स्मारिका हेतु सभ दहेज मुक्त जोड़ाकेर जीवनपर आधारित रोचक एवं प्रासंगिक लेख-रचना, फोटो, एवं सरकारी सहायता उपलब्ध कराबय हेतु आश्वासन एवं कार्यान्वयन। (एतेक बात एहि बेरक सभामें समावेश कैल जाय, वा अपनेक सल्लाह जोड़य-घटाबय हेतु आग्रह।)

कार्यक्रम योजना: जून २०-२९, २०११ - सौराठ सभामें दहेज मुक्त मिथिलाके एक स्टेज एवं कैम्प जाहिमें कमसे कम २०० आदमीके लेल ठहरनै, भोजन-पानी एवं संपूर्ण आवश्यक मानव-सेवा उपलब्ध करौनाइ - समुचित दर पर वा निःशुल्क - कोष अनुसार निर्णय कैल जायत। सहभागी सभक लेल आवश्यक प्रचार-प्रसार।

केन्द्र: सौराठ सभागाछी वा आसपास कोनो गाममें एक कार्यालयके स्थापना।

कोष: दहेज मुक्त मिथिलाके सदस्य सभक व्यक्तिगत सहयोग - गाम-गाम आ शहर-शहर में चन्दा संकलन (स्वेच्छासहित)। एक बैंक खाता खोलि समग्र दान के समुचित लेखासहित व्यवस्थापना। अन्य।

कार्यकर्ता: ६० प्रतिशत स्थानीय कार्यकर्ता, ४० प्रतिशत बाहरी सदस्य एवं पदाधिकारी।

क्रियान्वयन: उपरोक्त कार्यक्रमके शुभारंभ सौराठ सभा समयमें, तेकर उपरान्त कार्यकारिणीके निर्णयानुसार।

सदस्यता शुल्क: आजीवन ५०१/- एवं वार्षिक: १५१/-

संस्था पंजीकरण: मधुबनी जिलान्तर्गत जिलाधीशके कार्यालय सऽ सल्लाह-मशवरा करैत एकर पंजीकरण नियमानुसार करैत संस्थाके बैंक खाता खोलनाइ - इ कार्य एक-बेर जखन इ ड्राफ्ट पूर्ण रूप लऽ लेत तखन तुरन्त करबाक लेल आग्रह।

हरिः ॐ! हरिः हरः!!

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सभा गाछी आब नइए रहत बीरान - विकाश झा

सभा गाछी आब नइए रहत बीरान !
एकसय जोरिक इ बनत मचान !

फेसबुक पर आई कईएल मचल घमासान,
दहेज़ मुक्त मिथिला अछी बनल दालान !

कलंकी दहेज़ के करू भसान ,
मिथिलाक धिया ने देती आब जान !

बुढ़बा जुअनका अछी सबहक रुझान ,
घरे- घरे चर्चा आ चौक पर ठेकान !

जागू यौ मैथिल आब करू मिलान ,
सौराठे मैं हैत आब एकर निदान !

अर्थ दीयौ, बेर दीयौ करू इ आन ,
पाछु ने हटब आ चलायब अभियान !

प्रवीण,प्रकाश आ राजूक अगुआन ,
बिकासक सनेह करैत बिकासे बखान !

सनेहक संग...
विकाश झा

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सौराठ सभाके अभियान में अपनेक राय-मशव - प्रवीण चौधरी

बंधुगण!


सौराठ सभाके अभियान में अपनेक राय-मशवरा माँगैके क्रम में कि देखलहुँ जे अपने लोकनि सौराठके सीमा केवल मैथिल ब्राह्मण तक सीमित नहि राखि एकरा विस्तार करय चाहैत छी। जय हो!! अपने लोकनिक हर मंशा माँ मैथिली पूरा करैथ, से हमर प्रार्थना। चूँकि सभागाछीके महत्त्व तऽ आब ब्राह्मणोके नहि अपील करैछ कारण ओहो सभ एनै छोड़ि देलाह आ पुरखाके कीर्तिपर स्वयं तूफान आ बवंडर आनि देलाह, त एहेन में एहि सभाके मोडेलमें विस्तार कनेक असान्दर्भिक बुझैछ... कम से कम एहि साल वा कहु जे एहि बेरक मुहुर्तमें। ताहि हेतु हम अपने सभके समक्ष एहि दोसर थ्रेडके निर्माण करैत किछु प्रश्न राखि रहल छी जाहिपर अपन मत राखल जाउ।

जय मैथिली! जय मिथिला!!

प्रश्न अछि:

१. कि मैथिल माने खाली मैथिल ब्राह्मण?
२. कि मिथिलामें रहनिहार सभ मैथिल नहि छथि?
३. यदि छथि तऽ एहेन दुष्प्रचार किऐक जे खाली ब्राह्मण टा मैथिल छथि?
४. सौराठ सभा केवल ब्राह्मण हेतु कियैक?
५. कि अन्य वर्ण एहि में अपन हिस्सा नहि चाहलैथ?
६. कि राजा हरसिंह देव जे एहि प्रथाके चलौला, कि ओ ब्राह्मणकेर वर्चस्वके स्वीकार करैत मात्र सौराठ में ब्राह्मण टा के सभा के रूप में स्थापना कयलाह? (सौराठ सनक अनेक एहेन स्थल छैक जतय सभा लगाओल जैत छल, आ ओ सभ सभा केवल ब्राह्मण हेतु छल... हमरा समझ सऽ अन्य जाति के एहि तरहक सभाके औचित्य नहि बुझैत छल - किऐक तऽ जे वैवाहिक विधान ब्राह्मणमें होइछ ततेक तितम्भा अन्य वर्ण में नहि छैक... एखनहु एहि बात के प्रमाण देखय में अबैछ।)
७. मिथिलामें जतय कतौ कोनो समाजिक संरचना के निर्माण भेलैक ताहिमें ब्राह्मणक अग्र भूमिका रहलैक, अन्य जाति केवल अनुसरण करयवाला एवं ब्राह्मणके पाछू चलयवाला रहलैक जेना बुझैछ... तखन पहिले एहेन कोनो विरोध वा विद्रोह नहि भेल छल। जखन कि आब एहि मुद्दापर अनेक तरहक बात उठैछ, एतय तक जे ब्राह्मण जातिके बीच सँ सेहो समावेशीपन के आवाज उठैछ। मिथिलामें रहैत हम आइ धरि इ नहि देखलहुँ जे दलित के नामपर कतहु कोनो प्रकार के विद्रोह वा विरोध आदि भेलैक... छुवाछुत के कारण दलितके बच्चाके स्कूलमें प्रवेश नहि देल गेलैक जे ब्राह्मणके बच्चाके संग ओहो स्कूलमें विद्या अर्जन करत आ से गप ब्राह्मणके मंजूर नहि हेतैक...। हिन्दू-मुसलमान-दलित सभ वर्णके बच्चा एक संग स्कूलमें बोरा बिछा के वा बेन्च-डेस्क प्रयोग करैत बैसल आ भारतीय संविधानके मर्मके रक्षा करैत कम से कम हम अपन जीवनमें देखलियैक आ विश्वास अछि जे एहि तरहक समान नागरिक संहिताके अनुभव अपने लोकनि अवश्य केने होयब। तखन इ पूर्वाग्रही राजनीतिज्ञके वोट बैंक पॅलिसीके शिकार आम जन आ मैथिल किऐक??
८. कर्मकाण्डके कि महत्त्व छैक से बिना आत्मसात केने पुनः वेदके महिमाके झुकाबयवाला विचारके उत्पत्ति किऐक? कि पुनः बुद्धके तोड़ि-मरोड़िके धर्मके नामपर सामाजिक युद्ध के दुस्प्रयास भऽ रहल अछि... जे मिथिला में अनेको बुद्ध-विज्ञ के शास्त्रार्थमें परास्त कयनिहार मिथिलाके अनेको सुप्रसिद्ध विद्वान्‌ भेलाह - हुनकर दूरदृष्टि के मंगनीमें व्यर्थ जाय देबाक चाही? मिथिला अधिकांशतः तांत्रिक भूमि रहल - एकर अपन अनेक अनोखा विद्या रहल, कि ओकरा सभक परित्याग जानि-बूझिके कयल जाय? एक तऽ इ स्वतः गतोष्णमूखी अछि... ताहिपर सऽ मिथिलापुत्र सभ एकरा खीद्दाँश करैत खतम करैक लेल चाहैत छथि, कि इ उचित अछि?
९. हमरा लोकनि जे केओ एहि वाद-विवाद में हिस्सा लऽ रहल छी, अपन श्रेष्ठ के मानैत होयब, हमरा उम्मीद अछि। अपन इतिहास के अवश्य बुझैत होयब हमरा उम्मीद अछि। खाली गप मारब कतेक तक उचित?? यदि गहराई के ज्ञान के कमी अछि, तऽ किऐक नहि हमरा सभके संग देनिहार महान्‌ विद्वान्‌ एवं समाजिक कार्यकर्ता सभके उचित सम्मान दी... आ हुनकहि सऽ एहि विषयपर राय माँगी?
१०. आ कि आब वास्तविक विद्वान्‌ सभके सही में कमी भऽ गेल??

एखन उपरोक्त १० प्रश्न के जबाबके इन्तजार में छी... वार्ता जेना-जेना आगू बढत... तेना-तेना आरो अनेक प्रश्न उठत, से हम सभ पूछब आ अपन राय-विचार सेहो देब। जिनकर नाम हम लेने छी, हुनका सँ विशेष आग्रह जे आब पाछू टा नहि हटब एहि बहस सऽ। अपन समुचित जबाब आ नियंत्रित विचार अवश्य राखब।

जय मैथिली! जय मिथिला!!

अपने लोकनिक सेवा में,

प्रवीण चौधरी ‘किशोर’

ईश्वरके स्मरण करैत:

अपन जीवनक सभ अपनहि मालिक, नीक बेजायके राखय ज्ञान!!
छथि भगवान्‌ सभक लेल हरदम, अपनहि नहि माँगथि सम्मान!!

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गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

दहेज़ मुक्त मिथिला

                दहेज़ मुक्त मिथिला
 
जन - जन  के  अबैत अछि आबाज ,
दहेज़ मिटाओ यो  मिथिला के राज |
गुजराल   बुढ     पूरानक      बात ,
नव युवक रखैया आई अपन आगाज ||
               दहेज़  मुक्त मिथिला  बनाऊ आब -
 
जुग बितल आयल नव जमाना ,
संस्कृति बचाऊ सब  मारैया ताना |
कोट    - कचहरी वियाह करैया ,
कन्यादान के    आब    बुझैया ||
नव युवक मंगैया आब अपन  जबाब
       दहेज़  मुक्त मिथिला  बनाऊ आब -
 
अहिना चलत ज ई  जोड़  - जमाना ,
की - की नै करत नव युबक  अपन बहाना |
बात मानू सब खाऊ मिल किरियो ,
बेटा - बेटी  में लेब नै  दू टा कोरियो  ||
नब युवक के देखू  आयल  राज
       दहेज़  मुक्त मिथिला  बनाऊ आब -
 
गाम - गाम में रह्त ई शान ,
बेटा नै बेचीलैथी छैथि निक इंशान |
दोसरक घर के भीख ज़ोउ मांगब ,
भीख मांगा के  नाम  से  जानब ||
नव युबक बात पर राखु आब नाज
      दहेज़  मुक्त मिथिला  बनाऊ आब -
 
छी परदेशी या  कउनु सहरी ,
सुनू पुकार  आई  मिथिला  के |
जों संस्कृति छोरी गेला ओ ,
संतान कहओता ओ दोगला के |
नव युबक बात के नै मनाब खाराप
      दहेज़  मुक्त मिथिला  बनाऊ आब -
 
 
 
 
मदन कुमार ठाकुर
 
 

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बुधवार, 6 अप्रैल 2011

सौराठ सभा २०११ - प्रवीण चौधरी

अबै जाउ! अबै जाउ! अबै जाउ!!


दहेज मुक्त मिथिला के एहि ग्रुपके सक्रिय सदस्य सभके अगुवाई में एहि बेरक सौराठ सभामें पूर्ण जोश सँ सहभागी बनय लेल अबै जाउ। कार्यक्रम के विस्तृत प्रारूप आ सहभागिता हेतु विभिन्न तौर तरीका हेतु हम अपने लोकनि सँ आगामी शनि दिन योजना प्रस्तुत करब। ओ ड्राफ्टके रूपमें होयत। तदोपरान्त अपने लोकनि लग आगामी सात दिन ताहिपर विचार-विमर्श करबाक लेल समय भेटत। आ अगिला शनि दिन पूर्ण रूपमें तैयार ओहि योजना पर अमल करनिहार सभके नाम, गाम, ठेगाना, इच्छा, रुचि, जोड़ी के प्रकृति, आदि अनेक सम्बन्धित बात सभ सेहो प्रकाशित करि हमरा लोकनि एहि बेरका सौराठ सभामें हिस्सा लेब आ एहि महत्त्वपूर्ण परम्पराके निर्वाह के संग सामूहिक शपथ ग्रहण करब जे हमरा लोकनि मिथिलाके दहेज सऽ मुक्त करैक लेल कटिबद्ध छी। जे केओ अपन विवाह ओहि प्लेटफार्म पर घोषणा करता ओ दहेज मुक्तके नायक एवं नायिका के रूप में संसार भरिमें नहि सिर्फ ख्याति पेता बल्कि माँ मैथिली के आशीर्वाद सँ हुनकर कोनो समस्या हमरा लोकनिक समस्या होयत आ हुनकर जीवन धरि हमरा लोकनिक संस्था संरक्षक के रूपमें रहत। हमरा लोकनिक एहि संस्थाके चलाबय हेतु जे कोनो कोष के जरुरी हेतैक ओ व्यक्तिगत वा समूहगत योगदान सहित सरकारी, गैर-सरकारी, चैरिटी शो सऽ कमाई आदि अनेको रहत।



अपने लोकनिक सलाह आमन्त्रित अछि।


जय मैथिली! जय मिथिला!

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